सर्वनाम के कितने भेद होते हैं ? | Sarvanam Ke Kitne Bhed Hote Hain

आज मैं आपको सर्वनाम के कितने भेद होते हैं (Sarvanam Ke Kitne Bhed Hote Hain) के बारे में उदहारण सहित जानकारी देने जा रही हूँ। यह हिंदी व्याकरण का महत्वपूर्ण टॉपिक है। इस टॉपिक को पढ़ने के बाद आपको फिर किसी और हिंदी व्याकरण की किताब से सर्वनाम पढ़ने की जरुरत नहीं पड़ेगी।

 

सर्वनाम के कितने भेद होते हैं (Sarvanam Ke Kitne Bhed Hote Hain ) : –

सर्वनाम के छह भेद होते हैं – पुरुषवाचक सर्वनाम, अनिश्चयवाचक सर्वनाम, संबंधवाचक सर्वनाम, निजवाचक सर्वनाम, निश्चयवाचक सर्वनाम, प्रश्नवाचक सर्वनाम।

 

पुरुषवाचक सर्वनाम की परिभाषा : –
पुरुषवाचक सर्वनाम – जो सर्वनाम पुरुष के नाम के बदले में आता है उसे पुरुषवाचक सर्वनाम कहते हैं। जैसे – यह चालाक है, वह कल को जाएगा।

purushvachak sarvnam mein kitne bhed hote hain

 

पुरुषवाचक सर्वनाम के कितने भेद होते हैं ?

पुरुषवाचक सर्वनाम के 3 भेद हैं – उत्तम पुरुष, मध्यम पुरुष, अन्य पुरुष।
1. उत्तम पुरुष – बोलने वाला को उत्तम पुरुष कहते हैंजैसे – हम, मैं, हमने।
2. मध्यम पुरुष – सुनने वाला को माध्यम पुरुष कहते हैं जैसे – तुम, आप आपने।
3. अन्य पुरुष – जिसके बारे में बात कहा जाता है उसे अन्य पुरुष कहते हैं जैसे – वह, वे, उसे।

 

2. निजवाचक सर्वनाम – वह शब्द जो कर्ता के साथ आकर अपनापन का भाव प्रकट करता है उसे निजवाचक सर्वनाम कहते हैं जैसे – खुद, स्वयं, स्वतः, अपने आप।
उदाहरण –
1. मेरी नानाजी खुद खाना बना रहे हैं।
2. मैं स्वयं चाचा जी को मना लूंगा।
3. मैं अपने आप चला जाऊंगा।

 

3. निश्चयवाचक सर्वनाम – वैसा सर्वनाम जो किसी निश्चित वस्तु के साथ बोध कराता है उसे निश्चयवाचक सर्वनाम कहते हैं जैसे – वे, ये, वहीं, यह, वह।
उदाहरण –
1. वह मेरी कलम है।
2. वह मेरा किताब है।
3. यह मेरी कुर्सी है।
4. यह मेरा खिलौना है।

निश्चयवाचक सर्वनाम दो प्रकार के होते हैं। निकटवर्ती (यह, वे) और दूरवर्ती (वह, वे)

Note – यदि वाक्य के शुरुआत में सर्वनाम के बाद संज्ञा शब्द आये तो उसे सार्वनामिक विशेषण कहते हैं।

सार्वनामिक विशेषण – अगर कोई सर्वनाम विशेषण के रूप में इस्तेमाल हो तो उसे सार्वनामिक विशेषण कहते हैं। उदाहरण – यह किताब पुरानी है। – यहाँ पर यह शब्द सार्वनामिक विशेषण है।

 

4. अनिश्चयवाचक सर्वनाम – वैसा सर्वनाम जिससे किसी निश्चित वस्तु का बोध नहीं होता है उसे अनिश्चयवाचक सर्वनाम कहते हैं। यह सर्वनाम किसी अनिश्चित व्यक्ति या वस्तु के बारे में बताता है।
जैसे – किसी, कोई, सब कोई, कुछ, हर कोई।
उदाहरण –
1. गेट पर कोई खड़ा है।
2. कुछ ले लीजिए।
3. कोई सुन रहा है।
4. सब कोई घर पहुंच गया।

अनिश्चयवाचक सर्वनाम दो प्रकार के होते हैं। प्राणि बोधक (कोई) और वास्तु बोधक (कुछ)

5. संबंधवाचक सर्वनाम – वैसा शब्द जो शब्दांशों या वाक्यांशों का संबंध बताता है उसे संबंधवाचक सर्वनाम कहते हैं।
जैसे – वैसा, जैसा, उनका, जिनका, सो, जो।
उदाहरण –
1. जो सोयेगा सो खोयेगा।
2. जैसा करेगा वैसा भरेगा।
3. जैसा सोचोगे वैसा पाओगे।

 

6. प्रश्नवाचक सर्वनाम – वैसा सर्वनाम जो प्रश्न का बोध कराता है उसे प्रश्नवाचक सर्वनाम कहते हैं। इस सर्वनाम का प्रयोग प्रश्न पूछने के लिए किया जाता है।
जैसे – क्यों, कब, कैसे, क्या, कौन।
उदाहरण –
1. बाहर कौन खड़ा है ?
2. यह काम क्यों नहीं हुआ ?
3. मोहन कैसे काम करता है ?
4. राधा क्यों रो रही है ?
5. यह पुस्तक किसका है ?
6. राम क्यों जा रहा है ?

प्रश्नवाचक सर्वनाम दो प्रकार के होते हैं। प्राणि बोधक (कौन, कौन-कौन) और वास्तु बोधक (क्या, क्या-क्या)

 

सर्वनाम के कितने भेद होते हैं

 

अतिरिक्त सर्वनाम :-
संयुक्त सर्वनाम का उदाहरण कुछ इस प्रकार से है – सब कोई, जो कुछ, और कोई, जो कोई ।

चलिए हम सर्वनाम के कितने भेद होते हैं वो तो पढ़ लिए लेकिन मैं आपको सर्वनाम टॉपिक के बारे में और कुछ extra information देने जा रही हूँ।

 

सर्वनाम की परिभाषा और उदाहरण :-
जो शब्द संज्ञा के बदले में आता है उसे सर्वनाम कहते हैंजैसे – तुम, वह, मैं, यह, वहसर्वनाम का शाब्दिक अर्थ होता है – सबका नाम

सर्वनाम वैसे शब्द होते हैं जो किसी खास व्यक्ति  के लिए नहीं बल्कि सभी के लिए हम उपयोग कर सकते हैं। उदाहरण के लिए वह का प्रयोग किसी खास व्यक्ति के लिए नहीं बल्कि सभी व्यक्ति के लिए प्रयोग कर सकते हैं।

1. उदाहरण –
रमेश बीमार है। रमेश ईमानदार है। रमेश नहीं पढ़ता है।
रमेश बीमार है। वह ईमानदार है। वह नहीं पढ़ता है।

ऊपर वाले वाक्य से हमें यह समझ में आया कि रमेश के स्थान पर ‘वह’ शब्द का प्रयोग किया गया है जो सर्वनाम है।

2. उदाहरण –
मोहन विद्यालय जा रहा है। मोहन बेईमान है। मोहन के पिता जी व्यापारी हैं।
मोहन विद्यालय जा रहा है। वह बेईमान है। उसके पिता जी व्यापारी हैं।

 ऊपर वाले वाक्य में मोहन के स्थान पर ‘वह’ शब्द का प्रयोग किया गया है जो सर्वनाम है।

( ऊपर दिए गए उदाहरणों से यह सिद्ध होता है कि संज्ञा शब्दों की पुनरावृत्ति को रोकने के लिए सर्वनाम का प्रयोग किया गया है )

हिंदी व्याकरण में Total 11 मूल सर्वनाम हैं – आप, तुम, मैं, वह, सो, जो, कौन, क्या, कुछ, कोई, यह।

 

नोट – कुछ ऐसे भी शब्द होते हैं जब किसी वाक्य में अकेले आते हैं तो सर्वनाम होते हैं लेकिन जब किसी संज्ञा के पहले आते हैं तो विशेषण होते हैं।
इसका उदाहरण है : –
1. वह जा रहा है। – सर्वनाम
2. वह किताब मेरी है। – विशेषण

 

कुछ अन्य रोचक हिंदी व्याकरण के Questions जो आपको जानना चाहिए : –
1. सर्वनाम को English में क्या कहते हैं ?
Ans – Pronoun

2. संज्ञा के कितने भेद होते हैं ?
Ans – पांच

3. विशेषण के कितने भेद होते हैं
Ans – चार

4. कारक के कितने भेद होते हैं ?

Ans – कारक के आठ भेद होते हैं – 1. कर्ता कारक 2. कर्म कारक 3. करण कारक 4. संप्रदान कारक 5. अपादान कारक 6. सम्बन्ध कारक 7. अधिकरण कारक 8. संबोधन कारक

अगर आप ऑपरेशन ब्लैकबोर्ड के बारे में जानना चाहते हैं तो ये पढ़ें – Operation Blackboard Kya Hai

 

निष्कर्ष : – ऊपर दिए गए सर्वनाम से सम्बंधित जानकारी को आप पढ़ लिए हैं। इस टॉपिक को समझने में आपको कोई भी परेशानी नहीं हुई होगी। अब आप किसी भी बुक से सर्वनाम के प्रश्न हल कर सकते हैं। इसे आप अपनी कॉपी में लिखकर अच्छी तरह याद कर लीजिए ।

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