पर्यावरण शिक्षा के उद्देश्य | पर्यावरण शिक्षा का महत्त्व | पर्यावरण शिक्षा की आवश्यकता

आज मैं आपको पर्यावरण शिक्षा के उद्देश्य के बारे में बताने जा रहा हूँ। आप इसमें पर्यावरण शिक्षा का उद्देश्य, पर्यावरण शिक्षा का अर्थ, पर्यावरण शिक्षा का महत्व के बारे में डिटेल से पढ़ने वाले हैं। इन सभी टॉपिक को सरल भाषा में लिखा गया है जिसे समझने में आपको कोई परेशानी नहीं होगी।

पर्यावरण शिक्षा के उद्देश्य

पर्यावरण शिक्षा के उद्देश्य : –
जागरूकता – पर्यावरण शिक्षा के प्रति संवेदनशीलता विकसित करने का प्रयास किया जाना।

ज्ञान – व्यक्तियों को पर्यावरण के प्रति जागरूक करना। पर्यावरण के बारे में ज्ञान देना। पर्यावरण से क्या फायदा है और क्या नुकसान इसके बारे में बताना।

अभिवृत्ति का विकास – पर्यावरण के लिए गहरी चिंता करना। पर्यावरण के प्रति सामाजिक दायित्व को निभाना। पर्यावरण के सुरक्षा में सुधार लाने के लिए किए जा रहे कार्यों को प्रेरित करना। ( अभिवृत्ति = सकारात्मक या नकारात्मक भाव )

कौशल निर्माण – पर्यावरण की समस्याओं का हल खोजने के लिए कौशल का विकास करना।

मूल्यांकन योग्यता – पर्यावरण उपाय शैक्षिक कार्यक्रमों, पारिस्थितिक, आर्थिक और सामाजिक सौंदर्य के संबंधों में मूल्यांकन करने में सहायता करना।

सहभागिता – पर्यावरण समस्याओं का उचित ढंग से हल निकालना।

सामाजिक भावनाओं का विकास – पर्यावरण शिक्षा के द्वारा छात्रों में सामाजिक भावनाओं का विकास करना।

उत्तम नागरिकता का सिद्धांत – छात्रों को देश के प्रति अनुशासन, प्रेम, सहयोग, सहनशीलता, स्पष्ट विचार के साथ-साथ प्राकृतिक गुणों और पर्यावरणीय गुणों का समझ होना। समाधान के लिए तात्यपरता के गुण का विकास करना ।

उत्तम नागरिक ही कोई कार्य करने से पहले पर्यावरण के बारे में सोच सकता है। इस कार्य को करने से पर्यावरण को नुकसान है या नहीं।

पर्यावरण के अनुकूल – पर्यावरण शिक्षा के माध्यम से छात्रों को पर्यावरण के अनुकूल बनाया जाना।

 

ऊपर दिए गए पर्यावरण शिक्षा के अलावा और भी अन्य उद्देश्य हैं जो इस प्रकार से हैं:-
➺ छात्रों को पर्यावरण के समस्याओं के बारे में बताना। समस्या होने के कारण को पता करना एवं उसके हल को खोजने के लिए छात्रों को तैयार करना।

➺ पर्यावरण में उपस्थित घटक को संरक्षण, सुरक्षा, और सुधार के लिए प्रेरित करना।

➺ पर्यावरण को संतुलित बनाए रखने के लिए हमेशा जागरूक करना।

➺ भविष्य में आने वाले पीढ़ियों को ध्यान में रखकर कार्य करने के लिए जागरूक करना।

➺ पर्यावरण के महत्व को व्यक्तियों तक पहुंचाना और उसके प्रति जिज्ञासा उत्पन्न करना ।

➺ पर्यावरण के प्रकृति प्रदत्त उपहारों के बारे में बताना।

➺ व्यक्तियों में जियो और जीने दो वाली भावना को जागरूक करना।

 

पर्यावरण शिक्षा का अर्थ : –
वैसी शिक्षा जिसमें छात्रों का पर्यावरण में उपस्थित घटकों के बारे में बताना। पर्यावरण के प्रति सुरक्षा, प्रबंधन, गुणवत्ता और उसके सुधार के लिए क्या करना चाहिए उसके बारे में जानकारी दी जानी चाहिए।

पर्यावरण से संबंधित लाभ और हानि के बारे में जानकारी दी जाती है। व्यक्ति प्रकृति से कुछ सीखे और वह अपने आप को प्रकृति के अनुसार ढाले।

 

पर्यावरण शिक्षा की आवश्यकता :-
मनुष्य एवं अन्य जीव जंतु अपनी मूलभूत आवश्यकताओं के लिए पर्यावरण पर ही निर्भर होते हैं। इससे स्पष्ट है कि आज के समय में पर्यावरण शिक्षा की बहुत ही आवश्यकता है।

 

पर्यावरण शिक्षा को निम्न बिंदुओं के माध्यम से समझ सकते हैं :-
प्राकृतिक सम्पदा को के संरक्षण के लिए – आज के समय में देखने को मिलता है कि मनुष्य अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए प्राकृतिक सम्पदा को बड़ी तेजी से विनास कर रहा है। पर्यावरण का संतुलन भी ख़राब हो रहा है।

मनुष्य के प्राकृतिक सम्पदा के सीमित उपयोग और संरक्षण के लिए पर्यावरण शिक्षा की बहुत ही आवश्यकता है।

प्राकृतिक प्रदूषण की रोकथाम के लिए – आज के समय में मनुष्य प्राकृतिक घटक के साथ छेड़-छाड़ कर रहा है जैसे – पानी, वायु, मृदा आदि सबको प्रदूषित कर रहा है। इस तरह से प्राकृतिक प्रदूषण की रोकथाम के लिए पर्यावरण शिक्षा बहुत ही आवश्यकता है।

सुरक्षित और सुखमय जीवन के लिए – सौरमंडल में मात्र पृथ्वी ही एक ऐसा ग्रह है जिस पर जीवन जीना संभव है। अतः इसे ख़त्म होने से बचाना चाहिए।

पर्यावरण के प्रति चेतना जगाना – पर्यावरण और स्वास्थ्य पर पड़ने वाले प्रभावों को लोगों तक पहुंचना और इसके प्रति पर्यावरण चेतना जगाने के लिए पर्यावरण शिक्षा बहुत ही आवश्यकता है।

पर्यावरण संबंधी समस्याओं के निराकरण के लिए – हमारे पर्यावरण में कभी-कभी कुछ समस्याएं देखने को मिलती है। ये समस्याएं प्राकृतिक और मानवीय हो सकती है। अतः इन सभी समस्याओं का अध्ययन करने और उनका निराकरण करने के उपायों को ढूंढना चाहिए। इसके लिए पर्यावरण शिक्षा की बहुत ही आवश्यक है।

 

पर्यावरण शिक्षा का महत्व :-
वर्तमान समय में पर्यावरण शिक्षा का महत्व दिन-पर-दिन बढ़ता जा रहा है। मानव जीवन की सुरक्षा के लिए पर्यावरण संबंधी तथ्यों का ज्ञान प्राप्त करना बहुत ही जरूरी है और यह ज्ञान पर्यावरण शिक्षा के द्वारा ही मिल पाता है।

पर्यावरण शिक्षा के महत्व को निम्नलिखित रूप में व्यक्त किया जा सकता है।

पर्यावरण शिक्षा के द्वारा सम्पूर्ण पर्यावरण का ज्ञान प्राप्त किया जा सकता है।

पर्यावरण शिक्षा वायु, जल, ध्वनि, मृदा प्रदूषणों के कारणों तथा उनके नियंत्रण की विधियां बताती है।

पर्यावरण शिक्षा पर्यावरण संरक्षण, वन्य जीव संरक्षण, मृदा संरक्षण विधियों के साथ ही उनकी उपयोगिता बताती है।

पर्यावरण शिक्षा जनता को पर्यावरण संरक्षण एवं सुधार के कार्यों के लिए सदैव प्रेरित करती है।

पर्यावरण शिक्षा छात्रों को लोकतांत्रिक नागरिक बनाने में सहायक होती है। इससे उनको अपने अधिकारों एवं कर्तव्यों का ज्ञान प्राप्त होता है।

 

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निष्कर्ष – अगर छात्रों को अच्छी तरह से पर्यावरण शिक्षा दी जाए तो उम्मीद है हमारा पर्यावरण का भविष्य बेहतर होगा जो पूरे मानव जाति के लिए कल्याणकारी होगा। आपको जिस किसी भी topic के बारे में इतनी ही आसानी से समझना है तो आप मेरे वेबसाइट के माध्यम से समझ सकते हैं।

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