वाइगोत्स्की का सिद्धांत ( Vygotsky Ka Siddhant ) टॉपिक के अंतर्गत हमलोग वाइगोत्स्की के सामाजिक संज्ञानात्मक विकास का सिद्धांत के बारे में पढ़ेंगे( यह सिद्धांत बच्चों के विकास से सम्बंधित था )। मैंने ये कोशिश किया है कि इस पुरे concept को बोल-चाल कि भाषा में ही रखा जाए।
वाइगोत्स्की का सिद्धांत ( Vygotsky Ka Siddhant ) : –
वाइगोत्स्की बालकों में होने वाले सामाजिक विकास से सम्बंधित एक सिद्धांत दिया था। वाइगोत्स्की के इस सिद्धांत को सामाजिक सांस्कृतिक सिद्धांत भी कहा जाता है।
वाइगोत्स्की के द्वारा भाषा का सिद्धांत भी दिया गया है। भाषा के सिद्धांत को सामाजिक रचनावाद का सिद्धांत कहा जाता है क्योंकि बच्चे सामाजिक वातावरण से भाषा को सीखता है।
वाइगोत्सकी का संक्षिप्त परिचय : –
वाइगोत्सकी का पूरा नाम लेब सिमकोविच वाइगोत्सकी है। वाइगोत्स्की रूस ( Russia ) के एक मनोवैज्ञानिक थे।
वाइगोत्सकी का संज्ञानात्मक विकास का सिद्धांत :-
संज्ञानात्मक विकास का सिद्धांत पियाजे ने दिया है। अधिगम का सिद्धांत वाइगोत्सकी के द्वारा दिया गया है। वाइगोत्स्की का कहना है कि ” हमारे स्वयं का विकास दूसरों के द्वारा होता है। ” बच्चों का विकास सामाजिक कारकों के द्वारा होता है। सामाजिक कारकों का कहने का मतलब परिवार, समाज, विद्यालय, मित्र मंडली परिवेश में रहने से होता है।
वाइगोत्सकी का ZPD सिद्धांत / निकट विकास का क्षेत्र (ZPD) : –
पियाजे का कहना था कि बच्चों में उम्र के अनुसार उसका विकास होता है लेकिन वाइगोत्सकी का मानना था कि बच्चों का विकास सामाजिक और सांस्कृतिक वातावरण के द्वारा होता है।
लिव वाइगोत्सकी और जीन पयाजे के ZDP सिद्धांत में अंतर : –
पियाजे का कहना है कि बच्चे का विकास उसकी उम्र के अनुसार होता है। लेकिन वाइगोत्सकी का कहना है कि बच्चे का विकास समाज के द्वारा होता है।
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आगमन निगमन विधि ( Aagman Nigman Vidhi )
वाइगोत्सकी के अनुसार ZPD का क्या अभिप्राय होता है ?
ZPD का Full Form होता है – Zone of Proximal Development । इसे हिंदी में निकट विकास का क्षेत्र कहा जाता है। सरल शब्दों में कहा जाए तो वास्तविक विकास के स्तर तथा संभाव्य विकास के अंतर के बीच का क्षेत्र निकट विकास का क्षेत्र ( ZPD ) कहलाता है।
अर्थात वास्तविक विकास स्तर और संभावित विकास स्तर के बीच का अंतर = निकटतम का क्षेत्र ( ZPD )।
ZPD का उदहारण : –
इसे सरल शब्दों में उदहारण से समझने का प्रयास करते हैं मान लिजिए कि CTET का Exam 100 नम्बर का है उसमें आपका वास्तविक नम्बर 60 आता है। आप मेहनत करके संभावित नम्बर 100 लाते है तो 60 और 100 का जो अंतर होता है उसे निकटतम का क्षेत्र कहा जाता है।
वाइगोत्सकी के अनुसार सीखने के तीन चरण होते हैं :-
1. संज्ञानात्मक
2. मोटरीक
3. सामाजिक-सांस्कृतिक
पियाजे और वाइगोत्सकी सिद्धांत के बीच अंतर :-
जीन पियाजे के अनुसार संज्ञानात्मक विकास में भाषा महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। वही लिव वाइगोत्सकी के अनुसार संज्ञानात्मक विकास में संस्कृति महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
स्कैफोल्डिंग ( scaffolding ) की संकल्पना :-
शिक्षा मनोविज्ञान में स्कैफोल्डिंग ( scaffolding ) की संकल्पना वाइगोत्सकी ने दिया था।
वैसा व्यक्ति को जो असहाय हो, जिसे मदद की जरूरत है, और अगर समाज में रहने वाला व्यक्ति उसकी मदद करता है, तो उसे सहारा देना कहलाता है। इस सहारे की मदद से अगर बालक कुछ सीखता है तो इस सहारा को मनोविज्ञान की भाषा में मचान कहते हैं और इस सीखने की प्रक्रिया को स्कैफोल्डिंग कहते हैं।
वाइगोत्सकी का सामाजिक विकास सिद्धांत की विशेषताएँ ( Features of Cognitive Development Theory ) : –
वाइगोत्स्की के अनुसार बच्चों को सीखने में शिक्षक के अलावा सामाजिक व सांस्कृतिक वातावरण का महत्वपूर्ण स्थान है। संस्कृति संज्ञानात्मक विकास को दिशा देती है। ज्ञान भी सामाजिक संदर्भ में होता है। विकास को सामाजिक संदर्भ से अलग नहीं किया जा सकता है।
वाइगोत्स्की के सिद्धांत में बच्चों के विकास में जैविक पहलु कि उपेक्षा होती है। अगर आसान शब्दों में कहें तो वाइगोत्स्की के अनुसार बालक समाज से मदद लेकर विकास कर रहा है।
Conclusion : – वाइगोत्स्की का सिद्धांत ( Vygotsky Ka Siddhant ) किसी भी Teaching Exam की तैयारी कर रहे Students के लिए महत्वपूर्ण टॉपिक है। इसी तरह के और भी Concepts को क्लियर करने के लिए GurujiAdda वेबसाइट पर डेली Visit करें।